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नेटवर्क क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस कौन कौन सी है ?(हिंदी )

नेटवर्क क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस कौन कौन  सी है ?(हिंदी )


हैल्लो दोस्तों आज हम आपको बताने वाले है की कंप्यूटर नेटवर्क क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस कौन कौन सी है तो दोस्तों चलिए जानते है की कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में ।







                                 नेटवर्क क्या होता है ?



 हम जिस नेटवर्क की बात करने जा रहे है इसकी शुरुआत 1960  से 1970 के बीच हो गई थी जिसे शुरुआत में अमेरिका में  डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेन्स के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था  जिसका नाम ARPANET रखा गया था जिसका मतलब Advance research project agency network होता है 

 जब एक कंप्यूटर या एक से अधिक कंप्यूटर किसी माध्यम से आपस में  कनेक्ट होते है  तो ही इसे  ही नेटवर्क कहते है 
कंप्यूटर आपस में दो माध्यम के जरिये कनेक्ट होते है 

1 . Wire (तार )
2 . Wireless (तारहीन )

1 . wire (तार)- वायर माध्यम में twisted pair cable , coaxial cable , fiber optics cable में से कुछ भी हो सकता है 

2 . wireless(तारहीन)- wireless माध्यम wi-fi, bluetooth, radio, inframed, satellite में से कुछ भी हो सकता है 

एक नेटवर्क में बहुत सी डिवाइस आपस में कनेक्ट रहती है ये डिवाइस कुछ भी हो सकती है ऐसा नहीं है की नेटवर्क में एक ही तरह के डिवाइस कनेक्ट हो एक नेटवर्क बहुत सारे कंप्यूटर , मेनफ़्रेम कंप्यूटर , सर्वर्स ,नेटवर्क डिवाइस का कलेक्शन होता है जिसमे हम एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डाटा शेयरिंग का काम करते है नेटवर्क का अच्छा उदहारण है इंटरनेट।  जहा करोडो लोग आपस में जुड़े है और डाटा आदान प्रदान कर रहे है कुछ नेटवर्क डिवाइस होती है जो हमे डाटा शेयर करने की सुविधा प्रदान करती है जैसे - hub, switch , router, modem, repeater, gateway ये  सब नेटवर्क में इस्तेमाल की जाती है 
नेटवर्क में जुड़े हर एक डिवाइस को नोड बोला जाता है 

NETWORK DEVICE 
   
नेटवर्क डिवाइस की मदद से ही नेटवर्क में कनेक्ट रहते है बिना डिवाइस के नेटवर्क में कनेक्ट होना असंभव है.
जैसे अगर हम एक नेटवर्क से कनेक्ट है तो हम किसी डिवाइस के जरिये ही नेटवर्क से कनेक्ट है नेटवर्क में कई डिवाइस आपस में कनेक्टेड रहते है , और डाटा भी आना जाना लगा रहता है दो नेटवर्क को आपस में कनेक्ट करने के लिए हमे कुछ नेटवर्क डिवाइस की जरुरत पड़ती है जैसे - HUB, SWITCH, REPEATER , ROUTER , MODEM, BRIDGE, GATEWAYS,ETC.


HUB- 

  हब वह उपकरण है जहा डाटा एक या से अधिक कंप्यूटर से आता है और एक या अधिक कंप्यूटर को आगे भेजा जाता है.  हब में आम तौर पर ट्विस्टेड पेअर तार बिछाने के लिए 4 से 24 आरजे -45 पोर्ट और हब को अन्य हबो से जोड़ने के लिए एक या एक से अधिक उपलिंक पोर्ट होते है ये एक बेसिक नेटवर्किंग डिवाइस है। ये डिवाइस फिजिकल लेयर में काम करती है यह डिवाइस बिना किसी बदलाव के ये एक पैकेट को दूसरे डिवाइस तक फोरवोर्ड करने का काम करती है " डाटा पैकेट " डिवाइस के लिए है की नहीं इसकी बिना परवाह किये ये सभी डिवाइस में डाटा को ट्रांसफर कर देता है

SWITCH-

स्विच भी एक नेटवर्क डिवाइस है जो फिजिकल लेयर पर काम करती है ये डिवाइस हब से ज्यादा समझदार होती है हब डाटा को सभी कंप्यूटर के पास भेजता है  लेकिन स्विच डाटा भेजने के साथ साथ फ़िल्टर भी करता है  जब भी डाटा पैकेट स्विच के पास आता है तब स्विच डाटा पैकेट को प्राप्त करके उसको फ़िल्टर करता है तथा एड्रेस का भी पता लगता है की डाटा कहा जायेगा। इसलिए इसे इंटेलीजेंट कहा जाता है। स्विच CAM (CONTENT ADDRESSABLE MEMORY) TABLE को बनाये  रखती है जिसमे सभी  डिवाइस का एड्रेस रहता है

REPEATER-

 रिपीटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस है  जो नेटवर्क में इस्तेमाल  की जाती है ,इसका काम नेटवर्क की सिग्नल स्ट्रेंथ को बढ़ाना है मान लीजिये जैसे  हम ईथरनेट केबल की मदद से कंप्यूटर को आपस में  जोड़ रहे है जो 100 मीटर से अधिक की दुरी पर है तो ऐसे हमारा सिग्नल कमजोर हो जाता है इसी समस्या को दूर करने के लिए हम रिपीटर का उपयोग करते है रिपीटर  सिग्नल को प्राप्त करता है और  सिग्नल को रिजनरेट करता है रिपीटर सिग्नल को कमजोर होने से बचता है इसकी वजह से डाटा बिना खोये दूर तक पहुंच जाता है

BRIDGE-


ब्रिज एक ऐसा उपकरण है  जो दो LAN  के बीच में  डाटा ट्रांसफर करता है  ब्रिज बड़े बड़े नेटवर्को को छोटे खंडो में बिभाजित करता है और ये  डाटा को  फ़िल्टर करता है  जब डाटा पैकेट ब्रिज में प्रवेश करता है वह डाटा पैकेट में मौजूद एड्रेस को पढता है और उस एड्रेस को दोनों नेटवर्क के TABLE एड्रेस से मिलता है जब ब्रिज को एड्रेस मिल जाता है , तो वह उस खंड को डाटा पैकेट भेज देता है



MODEM-


मॉडेम MODULATOR और DEMODULATOR से बना है जिसका उपयोग आजकल लगभग सभी लोग अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में करते है आपके कंप्यूटर में जो भी डाटा है वो डिजिटल FORM में होता है और आपको इस डाटा को एक  केबल के जरिये  किसी दूसरे कंप्यूटर में भेजना है  इसलिए पहले हमको इस डाटा को एनॉलॉग में बदलना पड़ेगा। और ये काम MODULATOR करता है, जब ये डाटा केबल के जरिये दूसरे कंप्यूटर में जाता है तो फिर इसे एनालॉग से डिजिटल में बदलना पड़ता है और ये काम DEMODULATOR करता है इसका उपयोग हम टेलीफ़ोन  लाइन में भी करते है 


ROUTER-



ROUTER एक हार्डवेयर नेटवर्किंग  डिवाइस है इसका इस्तेमाल नेटवर्क में किया  जाता है राऊटर सॉफ्टवेयर युक्त होता है ये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बनते है जब भी कोई डाटा पैकेट एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में आता जाता है तब राऊटर डाटा को  प्राप्त करता है और डाटा को फ़िल्टर करता है तथा जो भी उसमे छुपी हुई जानकारी होती है वह उसे एनालाइज करने के बाद उसे वहा भेज देता है जहा उसे जाना होता है। यह नेटवर्किंग डिवाइस अलग अलग नेटवर्क को आपस में वायर और वायरलेस तरीके से जोड़ने का काम करता है कंप्यूटर नेटवर्क OSI  MODEL पर काम करता है इस डिवाइस में इंटरनेट पर काम करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम , CPU , मेमोरी स्टोरेज और  इनपुट आउटपुट पोर्ट होते है स्टोरेज मेमोरी में रूटिंग टेबल और रूटिंग अलगोलिथ्म को स्टोर किया जाता है रूटिंग टेबल और रूटिंग अल्गोरिथम के जरिये यह पता लगाया जाता है की जो इनपुट डाटा पैकेट प्राप्त हुआ है उस डाटा पैकेट को किस नेटवर्क में और किस डिवाइस के पास भेजना है रूटिंग टेबल में सभी डिवाइस के एड्रेस स्टोर रहते है जब भी कोई नया राऊटर इस नेटवर्क से कनेक्ट होता है राऊटर अपने रूटिंग टेबल को अपडेट करता है राऊटर डाटा को सबसे नजदीक रस्ते के जरिये डाटा को डेस्टिनेशन एड्रेस को भेजता है



GATEWAY -

गेटवे भी एक नेवर्किंग डिवाइस है जिसका काम पूरी तरह से अलग अलग नेटवर्क को आपस में जोड़ना है गेटवे एक ऐसा डिवाइस है जो OSI मॉडल के  सभी सात लेयर के लिए  प्रोटोकॉल का ट्रांसफर  करता है गेटवे का इस्तेमाल हम LAN , मेनफ्रेम कंप्यूटर को जोड़ना , प्रोटोकॉल को बदलना और  दो पूरी तरह से अलग अलग सिस्टमो के बीच डाटा आदान प्रदान  है गेटवे एक फॉर्मेट में ईमेल को  प्राप्त करता है और उन्हें दूसरे फॉर्मेट में बदल सकता है  





Comments

  1. Modem

    दो प्रकार के शब्दों से मिलकर बना है

    1. मोडुलाशन ।।
    ये मोडुलाशन डिजिटल सिंग्नल को एनलॉग सिंग्नल में बदलने का कार्य करता है

    2. डमोडुलाशन

    ये एनालॉग सिंग्नल को डिजिटल सिंग्नल को बदलने का काम करता है

    ReplyDelete
    Replies
    1. ha bhai aap ise modulation aur demodulation bhi kah sakte hai lekin ye MODEM word modulator aur demodulator hi hota hai ye MODEM ka full form hota hai lekin aap jo kah rahe hai wo bhi sahi hai modulator =modulation
      aap mere blog par aaye iske liye aapka bahut bahut dhanyawad

      Delete
  2. Modem

    दो प्रकार के शब्दों से मिलकर बना है

    1. मोडुलाशन ।।
    ये मोडुलाशन डिजिटल सिंग्नल को एनलॉग सिंग्नल में बदलने का कार्य करता है

    2. डमोडुलाशन

    ये एनालॉग सिंग्नल को डिजिटल सिंग्नल को बदलने का काम करता है

    ReplyDelete
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