मनुष्य द्वारा कंप्यूटर को आसान बनाने के लिए समय समय पर बदलाव किये , कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव करके इसे और आसान बनाने की कवायद अभी भी वैज्ञानिक द्वारा जारी है, वैज्ञानिक रोज तरह तरह के खोज करते रहते है जिससे की कंप्यूटर को कम कीमत में और भी अच्छा बनाया जाय
जब से कंप्यूटर की उत्पति हुई है कंप्यूटर में बदलाव किये जा चुके है तो आइये कंप्यूटर के इन्ही बदलाव बारे जानते है , कंप्यूटर के इन बदलाव को GENERATION में DIVIDE किया गया है हम इन्ही GENERATION के बारे में DETAIL में पढ़ते है
1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर बनाया चार्ल्स बैवेज को डिजिटल कंप्यूटर में बहुत बड़ा योगदान रहा है बैवेज का ANALITICAL ENGINE कंप्यूटर आधार बना और यही कारण है की चार्ल्स बैवेज को कंप्यूटर का पिता कहा जाता है
1822 में चार्ल्स बेबेज ने सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर बनाया चार्ल्स बैवेज को डिजिटल कंप्यूटर में बहुत बड़ा योगदान रहा है बैवेज का ANALITICAL ENGINE कंप्यूटर आधार बना और यही कारण है की चार्ल्स बैवेज को कंप्यूटर का पिता कहा जाता है
FIRST GENERATION - (1940-1956) वैक्युम TUBE
FIRST GENERATION के कंप्यूटर में VACUME TUBE का इस्तेमाल किया जाता था ,इन VACUME TUBE के इस्तेमाल करने की वजह से कंप्यूटर का SIZE बहुत बडा हो गया था। इनका SIZE एक कमरे के बराबर होता था। कंप्यूटर का SIZE बडा होने के कारण इन्हे एक जगह से दूसरे जगह ले जाने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती थी ,ज्यादातर इन कंप्यूटर का इस्तेमाल एक ही जगह पर किया था। कंप्यूटर का SIZE बड़ा तथा VACUME TUBE के इस्तेमाल करने की वजह से कंप्यूटर को चलाने में बहुत ज्यादा बिजली की जरुरत होती थी । VACUME TUBE के इस्तेमाल करने की वजह से ये कंप्यूटर बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करते थे तथा कंप्यूटर में इस्तेमाल VACUME TUBE बहुत जल्दी टूट फुट भी जाती थी ,जिससे इनके REPAIR में भी बहुत पैसा खर्च होता था । FIRST GENERATION के कंप्यूटर में आज की तरह किसी भी प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जाता था । इन कंप्यूटर में प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए पंचकार्ड नामक स्टोरेज डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता था । इन कंप्यूटर में गणना करने की CAPABILITY बहुत SLOW होती थी । इन कंप्यूटर में मशीन LANGUAGE का इस्तेमाल किया जाता था । इन कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने का space सिमित था। FIRST GENERATION के अंतर्गत बनने वाले कंप्यूटर UNIVAC और ENIAC थे ,जिसे 1945 में बनाया गया था। UNIVAC कंप्यूटर का इस्तेमाल 1951 में अमेरिका में जनगणना के लिए किया गया था ,इसीलिए इसे FIRST COMMERCIAL कंप्यूटर कहा जाता है
SECOND GENERATION -(1956-1963) ट्रांजिस्टर
VACUME TUBE की खामियों को दूर करने के लिए वैज्ञानिक कंप्यूटर को छोटा और कम कीमत में तैयार करने के लिए लगातार खोज करते रहे और 1947 में उन्हें एक सफलता मिली , जिससे कंप्यूटर युग में क्रांति आ गई
1947 में ट्रांजिस्टर की खोज से कंप्यूटर युग में हम एक कदम आगे बढ़ गए। कंप्यूटर में अब VACUME TUBE की जगह ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाने लगा ,ट्रांजिस्टर के प्रयोग करने से VACUME TUBE की अपेक्षा कंप्यूटर काफी छोटे हो गए , जहा VACUME TUBE में हमे ज्यादा बिजली की जरुरत होती थी वही ट्रांजिस्टर के आने से बिजली की जरुरत भी कम हो गई और कंप्यूटर को रखने के लिए ज्यादा जगह की जरुरत भी नहीं होती थी। ट्रांजिस्टर , VACUME TUBE की अपेक्षा काफी तेज और सस्ते होते थे। ट्रांजिस्टर बहुत कम गर्मी पैदा करते थे। इन कंप्यूटर में मेमोरी के लिए MAGNETIC CORE का इस्तेमाल किया जाता था तथा सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के लिए पंचकार्ड की जगह अब मैग्नेटिक डिस्क और मैग्नेटिक टेप का इस्तेमाल किया जाता था। इस GENERATION में कई HIGH LANGUAGE का विकास कर लिया गया था जैसे - FORTRAN,COBOL.
THIRD GENERATION-(1964-1971) I.C CHIP(INTEGRATED CHIP)
THIRD GENERATION में इंटीग्रेटेड चिप का विकास हुआ ,इंटीग्रेटेड चिप ,बहुत सारे ट्रांजिस्टर ,रजिस्टर और कपैसिटर को मिला कर बनाया गया था I.C CHIP में बहुत सारे ट्रांजिस्टर ,रजिस्टर और कैपेसिटर को मिलकर एक सूक्ष्म डिवाइस बनाया गया। I.C CHIP सिलिकॉन नामक पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता था जिसमे लोहा ,एल्युमीनियम ,पोटैसियम आदि जैसे पदार्थ होते थे जिसकी वजह से इन कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता कई गुना बढ़ गई थी, और इनमे बिजली की जरुरत बहुत कम होती थी I.C CHIP के प्रयोग करने से कंप्यूटर काफी छोटे हो गए थे, जिन्हे मिनी कंप्यूटर भी कह सकते है ,इन कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाने लगा था जिसकी वजह से ये कंप्यूटर बहुत तेज काम करने लगे तथा ये आतंरिक कार्य स्वयं करने लगे , THIRD GENERATION में कई HIGH LANGUAGE का विकास हुआ जैसे BASIC {BEGINNER ALL PURPOSE SYMBOLIC INSTRUCTION CODE}
सत्र 1970 में माइक्रोप्रोसेसर के अविष्कार से कंप्यूटर युग में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आ गया , माइक्रोप्रोसेसर लाखो ट्रांजिस्टर का संग्रह होता होता है , लाखो छोटे ट्रांजिस्टर को मिलकर एक छोटा सा माइक्रोप्रोसेसर बनाया गया , माइक्रोप्रोसेसर को LARGE SCALE INTEGRATED CHIP (LSIC ) भी कहा जाता है , माइक्रोप्रोसेसर से निर्मित कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर कहा जाने लगा क्योकि ये आकर में बहुत छोटे होते है और इनके कार्य करने की क्षमता पहले के कंप्यूटर से कई गुना तेज हो गई। दुनिया का सबसे पहला माइक्रोप्रोसेसर MITS कंपनी द्वारा बनाया गया। दो बड़ी कंपनी INTEL और AMD जो माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण करती है। इस GENERATION में अब कोर मेमोरी के स्थान पर सेमीकंडक्टर का प्रयोग किया जाने लगा है जो आकर में बहुत छोटी और इनके कार्य की क्षमता भी बहुत तेज होती है। इस GENERATION में अब डेटाबेस , PRESENTATION , GRAPHICS और MATHEMATICS CALCULATION वाले सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किये जाने लगे
इस GENERATION के कंप्यूटर ने कंप्यूटर के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति ला दी है , इस GENERATION में मानव की तरह सोच रखने वाले कंप्यूटर बनाये जा रहे है। FIFTH GENERATION के कंप्यूटर बहुत ही विकसित और ARTIFICIAL INTELLIGENT टेक्नोलॉजी पर आधारित कंप्यूटर है , इन कंप्यूटर में स्वयं की क्षमता विकसित करने के लिए ऐसे कंप्यूटर विकसित किये जा रहे है। अब सभी क्षेत्र में कार्य करने के लिए ऐसे कंप्यूटर विकसित किये जा रहे है , कंप्यूटर का आकर प्रतिदिन छोटा होता जा रहा है जैसे लैपटॉप , डेस्कटॉप , मोबाइल आदि। कंप्यूटर में डाटा का आदान प्रदान करने के लिए इंटरनेट के माध्यम से इन कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है , इस समय ऐसे कंप्यूटर कर लिए गए है जो खुद सॉफ्टवेयर का निर्माण कर रहे है। आज विज्ञानं की कुछ शाखाये ऐसे कंप्यूटर बनाने में जुटी है जो मानव की तरह व्यवहार करे और मानव तरह सोचे जैसे - रोबोट। मल्टीमीडिया के क्षेत्र में भी इसी जनरेशन में बहुत विकास हुआ है जैसे , ग्राफ़िक , SOUND , एनीमेशन आदि है
please bhai aap hindi ya english me comment kare , hmko hindi aur english alawa aur koi language nahi aati hai
ReplyDelete