दोस्तों आपने वायरस का नाम तो सुना ही होगा ,3 इडियट्स वाला वायरस नहीं ,मै बात कर रहा हु उस वायरस की जो हमारे कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में आकर कंप्यूटर को नुकशान पहुंचाते है
जिस तरह मनुष्य को वायरस बीमार कर देता है ठीक उसी तरह कंप्यूटर को भी वायरस बीमार कर देता है लेकिन ये वायरस कही से उड़ के नहीं आते है इसे प्रोग्रामर अपने फायदे के लिए बनाते है और आपके कंप्यूटर में बिना आपकी अनुमति के डाल दिया जाता है और ये अपना काम करना शुरू कर देते है
यदि आप कंप्यूटर या लैपटॉप से हमेसा चिपके रहते है तो वायरस के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरुरी है नहीं तो ये आपको ऐसा बीमार कर देना की आप जिंदगी भर ठीक नहीं हो पाएंगे इसीलिए इसके बारे में जानने में ही आपकी भलाई है
वायरस क्या है
वायरस का फुल फॉर्म Vital Information Resources Under Siege होता है वायरस कंप्यूटर में एक द्वेषपूर्ण प्रोग्राम होता है जो हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप में बिना अनुमति के आकर अपने आपको maultiply करने लगते है,और ये आटोमेटिक चलने वाले होते है जैसे ही आपका कंप्यूटर ऑन होता है ये भी आटोमेटिक एक्टिव हो जाते है ,वायरस कंप्यूटर में अपने को फ़ैलाने लगता है कंप्यूटर के मेमोरी में पहुंचकर फाइल्स को डिलीट करने लगते है और जब आप अपने कंप्यूटर से किसी अन्य कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर करते है तो वायरस उस डाटा के जरिये अन्य कंप्यूटर में पहुंचकर उस कंप्यूटर अपने आपको multiply करने लगता है जिससे हमारा कंप्यूटर स्लो होने लगता है कुछ तो वायरस ऐसे होते है जो हमारे कंप्यूटर के हार्ड वेयर को ही नुकशान पहुंचाने लगते है अगर एक बार वायरस कंप्यूटर में आ जाता है तो वो हमारे कंप्यूटर में इंटरनेट को ब्लॉक करने लगता है,फाइल्स डिलीट करने लगता है , सॉफ्टवेयर आटोमेटिक इनस्टॉल होने लगते है ads दिखाई देने लगता है ,पॉपअप स्क्रीन दिखाई देने लगता है जिसे ठीक करना करना हमारे बस की बात है
वायरस को क्यों बनाया जाता है
कंप्यूटर से काम करवाने के लिए हम ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते है और ऑपरेटिंग सिस्टम से काम करवाने के लिए हम सिस्टम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है और सिस्टम सॉफ्टवेयर से काम करवाने के लिए हम एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है हम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपने काम को करने के लिए एक अच्छे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है लेकिन कुछ बुरे काम करने के लिए लोग ख़राब सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है, और ऐसे काम करने वाले सॉफ्टवेयर को malicious सॉफ्टवेयर कहते है इन सॉफ्टवेयर के जरिये प्रोग्रामर आपके कम्प्यूटर से डाटा चोरी करते है और ये चाहे तो आपके कंप्यूटर को जो बिना जानकारी के आपके सिस्टम में आकर आपके कंप्यूटर को slow करने लगते है और फाइल्स को डिलीट करने लगते है इनका मकसद आपके कंप्यूटर से डाटा चोरी करना और कंप्यूटर को नुकसान पहुँचाना होता है
MALWARE क्या होता है - what is malware in hindi
Malware का पूरा नाम malicious software है ये भी वायरस की तरह एक प्रोग्राम है जिसे इंसान ही अपने बुरे कामो को करने के लिए बनाता है ,malicious सॉफ्टवेयर का मतलब ही ख़राब सॉफ्टवेयर होता है, जो कंप्यूटर में पहुंचकर आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाता है ये आपके कंप्यूटर में डाटा को धीरे धीरे डिलीट करने लगता है
कंप्यूटर में Malware Software आने की बहुत वजह हो सकती है ,आज के समय में सबसे ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते है और दिन भर में न जाने कितने एप्प और वेबसाइट को विजिट करते रहते है ,ऐसे में हम कभी कभी Malware वाली वेबसाइट पर चले जाते है और अगर आपको जानकारी नहीं है तो Malware वाली वेबसाइट को पहचान पाना मुश्किल होता है और इन्ही वेबसाइट के जरिये हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप में वायरस आ जाते है और हमे पता भी नहीं चलता है
कभी कभी हमे ईमेल या व्हाट्सप्प में किसी के द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करके ऐसी वेबसाइट पर चले जाते है जिससे वायरस हमारे कंप्यूटर में आसानी से आ जाते है ,इसलिए हमको थोड़ा ध्यान देना चाहिए की हम किस लिंक पर क्लिक कर रहे है
अक्सर हमलोग ऑफलाइन तरीके से डाटा किसी मेमोरी कार्ड , pendrive या फिर CD DVD को किसी दूसरे कंप्यूटर या किसी दुकान से लेकर अपने कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर करने के लाते है और जब उस डिवाइस को अपने कंप्यूटर से कनेक्ट करते है तब वायरस उस डिवाइस से हमारे कंप्यूटर में आ जाता है और हमारे कंप्यूटर के डाटा को नष्ट करने लगते है
Malware के प्रकार >>
Malware तीन प्रकार के होते है
1. VIRUS
2. WORMS
3. TROJAN HORSE
VIRUS
वायरस एक प्रोग्राम होता है यदि ये आपके सिस्टम में आ जाता है तो आपके कंप्यूटर के फाइल्स को CURRUPT या डिलीट कर सकता है ऐसे में यदि आप अपने कंप्यूटर से किसी अन्य कंप्यूटर में फाइल्स को शेयर करते है तो वायरस उस कंप्यूटर को भी नष्ट करने लगता है
WORMS
वार्म एक तरह का प्रोग्राम होता है यदि आपके कंप्यूटर में वार्म आ गया तो ये आपने आपको MULTIPLY करने लगता है जिससे धीरे धीरे आपके कंप्यूटर की मेमोरी फुल होने लगती है और आपका कंप्यूटर SLOW होने लगता है
यदि आप अपने कंप्यूटर से किसी दूसरे कंप्यूटर में डाटा ट्रांसफर करते है तो वॉर्म दूसरे कंप्यूटर में भी अपने आपको फ़ैलाने लगता है और कंप्यूटर बहुत ज्यादा SLOW कर देता है
TROJAN HORSE
ट्रोजन हॉर्स एक बहुत ही खतरनाक प्रोग्राम होता है ये आपके कंप्यूटर में अपनी पहचान छुपाकर आता है और आपको लगेगा की ये एक अच्छा प्रोग्राम है लेकिन ये आपके कंप्यूटर के इंटरनेट को ब्लॉक कर देता है और बहुत दरवाजे खोल देता है अन्य वायरस को आने के लिए
ट्रोजन हॉर्स ईमेल के माध्यम से ज्यादा फैलता है ये वायरस आपके कंप्यूटर के फाइल्स को डिलीट करना ,सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुँचाना आदि करता है
कैसे पहचाने की आपके कंप्यूटर में वायरस है
1. यदि आपके कंप्यूटर में वायरस है और जब आप अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस इनस्टॉल करना चाहेंगे तो एंटीवायरस इनस्टॉल नहीं होगा और अगर इनस्टॉल हो भी गया तो वह चलेगा नहीं
2. कभी कभी आपके कंप्यूटर में कुछ स्क्रीन पॉपअप अचानक खुल जाये या फिर कुछ सॉफ्टवेयर अपने आप इनस्टॉल हो जाये
3. यदि आप किसी सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे है और वो अचानक बंद हो जाये या फिर कोई सॉफ्टवेयर अपने आप ओपन हो जाये तो आपके कंप्यूटर में वायरस हो सकते है
4. फाइल्स का अपने डुप्लीकेट हो जाना
5. फाइल्स या सॉफ्टवेयर का अपने आप डिलीट हो जाना
6. हार्डडिस्क से अजीब तरह की आवाज आना
7. आपके कंप्यूटर का बहुत ज्यादा SLOW हो जाना
8. ऑपरेटिंग सिस्टम का बहुत देर में लोड होना
यदि आपके कंप्यूटर में ऐसे गतिविधि हो रही है तो समझ जाइये की आपके कंप्यूटर में वायरस है और आपको अपने कंप्यूटर में एक PAID एंटीवायरस इनस्टॉल करने की जरुरत है
अपने कंप्यूटर को वायरस और Malware से कैसे बचाये
1. आपके कंप्यूटर के सबसे जरुरी बात ये है की आप हमेसा genuine ऑपरेटिंग सिस्टम का सिस्टम इस्तेमाल करे कभी भी आप पायरेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल न करे
2. यदि आप विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे है तो आपको अपने कंप्यूटर में एक एंटीवायरस का इस्तेमाल करना चाहिए और अगर आप अपने कंप्यूटर में लिनक्स का इस्तेमाल कर रहे है तो आपको एंटीवायरस की कोई जरुरत नहीं है
3. किसी भी unknown ईमेल को ओपन न करे अगर sender के बारे में जानकारी नहीं है
4. आप हमेसा genuine वेबसाइट से ही सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करे और सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के बाद उस फाइल्स को एंटीवायरस के जरिये अच्छे से स्कैन करे
5. किसी अन्य कंप्यूटर के डाटा को अपने कंप्यूटर में ट्रांसफर करने से उसे स्कैन कर ले तभी उस डाटा अपने कंप्यूटर में ट्रांसफर करे
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मुझे उम्मीद है दोस्तों ये पोस्ट आपको पसंद आयी होगी अगर आपको कुछ सिखने को मिला तो आप इस पोस्ट अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और कमेंट करके बताइयेगा की ये पोस्ट आपको कैसी लगी
इस पोस्ट को पढ़ने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवद
Please hindi and English use language
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