Skip to main content

what is antivirus.how it work full detail in hindi

एंटीवायरस क्या होता है क्या हमे एंटीवायरस इस्तेमाल करना  चाहिए 





हेलो दोस्तों मेरा नाम है मनीष और इस ब्लॉग में मै आपको बताने वाला हु की एंटीवायरस क्या होता है और क्या हमे एंटीवायरस इस्तेमाल करना चाहिए

दोस्तों अगर आप एक कंप्यूटर ,लैपटॉप या मोबाइल इस्तेमाल करते है तो आपके सिस्टम में एंटीवायरस जरूर होगा

दोस्तों क्या आप जानते है की एंटीवायरस क्या होता है क्या हमे एंटीवायरस इस्तमाल करना चाहिए तो चलिए जान लेते है की आखिरकार ये एंटीवायरस इस्तेमाल करते क्यों  है

दोस्तों हम अपने मोबाइल , कंप्यूटर या लैपटॉप में दिन भर में न जाने कौन कौन सी वेबसाइट जाते है और तरह तरह के लिंक पर क्लिक करते रहते है और हम कभी कभी ऐसे वेबसाइट पर चले जाते है या फिर व्हाट्सप्प , फेसबुक के किसी लिंक के जरिये उस वेबसाइट पर चले जाते है और  उस वेबसाइट या एप्लीकेशन के जरिये वायरस हमारे कंप्यूटर या लॅपटॉप में आ जाते है और फिर हमारा कंप्यूटर या लैपटॉप धीरे धीरे SLOW होने लगता है और फिर हमको एहसास होता है सायद हमारे सिस्टम में वायरस आ गया है 

वायरस क्या होता है >>  दोस्तों वायरस आखिरकार होता क्या है ,क्या ये कोई कीटाणु होता है जो आपके कंप्यूटर में घुसकर आपके कंप्यूटर , लॅपटॉप को नुकसान पहुचाने लगता है ,नहीं दोस्तों ऐसा नहीं है वायरस भी एक तरह से प्रोग्राम ही होता है जिसे बुरे कार्यो को करने के लिए बनाया  जाता है जिस तरह से अन्य प्रोग्राम या एप्लीकेशन बनते है ,वायरस की इस  तरह से कोडिंग की जाती है की ये आपके सिस्टम में आने के बाद  अन्य फाइल ,फोल्डर या एप्लीकेशन को नुकसान पहुँचाना शुरू कर देती है जिसके बाद आपके सिस्टम में फाइल्स CURRUPT होने होने लगती है और आपका सिस्टम SLOW होने लगता है कुछ वायरस तो ऐसे होते है वो आपके कंप्यूटर के हार्डवेयर को ही नुकसान पहुंचाने लगती है और कुछ  वायरस आपके नेटवर्क को ब्लॉक करने लगती है

दोस्तों अक्सर देखा गया है की वायरस भी वही कंपनिया बनाती है जो एंटीवायरस बनाती है पहले वायरस बनाकर किसी माध्यम से लोगो के कंप्यूटर में भेजती है फिर वही कम्पनिया उस वायरस का तोड़ निकलकर मार्किट में एंटीवायरस बेचती है , ये सॉफ्टवेयर कंपनियों की एक चाल होती है पहले खुद लोगो के कंप्यूटर या लॅपटॉप को नुकसान पहुचायेंगी फिर वही कम्पनिया पैसे लेकर उसी वायरस को हटाने का काम करती है 

दोस्तों क्या आपको लगता है की आपको भी एंटीवायरस इस्तेमाल करना चाहिए तो चलिए जान लेते है की किन लोगो को एंटीवायरस इस्तेमाल करना चाहिए

1 . अगर आपके पास एक  कंप्यूटर है  और आप अपने कंप्यूटर में किसी बाहरी  PENDRIVE ,मेमोरी कार्ड को नहीं लगाते है और आप अपने कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते है तो आपको अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए   क्योकि वायरस के आने के यही दो माध्यम होते है ऐसा तो है नहीं की वायरस आपके सिस्टम में उड़ के आ जायेंगे और कंप्यूटर को SLOW कर देंगे  तो आपका इस बात ध्यान रखना चाहिए की क्या आपको एंटीवायरस की जरुरत है की नहीं। 

2 . अगर आप अपने कंप्यूटर में एंड्राइड या लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे है तो आपको भी अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस का इस्तेमाल नहीं  चाहिए क्योकि एंड्राइड और लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम वायरस को सपोर्ट ही नहीं करता है इस ऑपरेटिंग सिस्टम को ऐसा तैयार किया गया  है की वायरस इसमें आ ही नहीं सकते है लिनक्स वायरस से कहता है की भाई आप कौन है मै आपको पहचानता ही नहीं हूँ इसलिए आप हमारे सिस्टम से दूर रहे

 दोस्तों ज्यादातर बड़ी कम्पनिया अपने कंप्यूटर लैब में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करती है क्योकि ये ओपरेटिंग सिस्टम विंडो की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित होता है और यह पुराने से पुराने हार्डवेयर पर भी रन करता है

3 .अगर आप अपने कंप्यूटर में विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करते है और आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में इंटरनेट से सम्बंधित कार्य ज्यादा करते है ,या आप अपने कंप्यूटर से डाटा का आदान प्रदान ज्यादा करते है तो आपको अपने सिस्टम में एक paid एंटीवायरस का इस्तेमाल करना चाहिए

4 . दोस्तों अगर आप अपने कंप्यूटर में विंडो या अन्य किसी  पायरेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेंमाल करते है तो आपको अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए क्योकि अगर आप पायरेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते है और इंटरनेट का इस्तेमाल करते है तो आपके कंप्यूटर में वायरस आने के ज्यादा सम्भावना रहती है

5. दोस्तों आप जब भी किसी वेबसाइट को विजिट करे तो ये जरूर देख के की उस वेबसाइट में http है या https . दोस्तों आपको सलाह है की आप हमेसा https वाली ही वेबसाइट विजिट करे क्योकि https वाली वेबसाइट सुरक्षित होती है और ऐसी वेबसाइट पर वायरस नहीं होते है


क्या हमको मोबाइल में एंटीवायरस इस्तेमाल करना चाहिए ?>> दोस्तों आपने जब भी नया मोबाइल फ़ोन ख़रीदा होगा तो सबसे पहले आपने गूगल प्ले स्टोर में जाकर कोई भी एंटीवायरस इंस्टॉल किया होगा क्योकि आपको जानकारी नहीं है की क्या मोबाइल में भी एंटीवायरस का ;इस्तेमाल करना चाहिए तो चलिए इसके बारे भी जान लेते है 

दोस्तों आपने अक्सर देखा होगा की कोई भी व्यक्ति जिसके पास स्मार्ट फ़ोन होता है वो अपने फ़ोन में एंटीवायरस जरूर रखता है और सोचता है की भाई अब तो मेरा मोबाइल एकदम सुरक्षित है अब तो इसमें वायरस आ ही नहीं सकता और जब  एंटीवायरस जब आप ओपन करेंगे तो बहुत बढ़िया से स्कैन करेगा और हवाई जहाज की तरह बूस्ट करेगा और फिर बताएगा की मैंने इतने वायरस मार दिए और अब आपका मोबाइल में एक भी वायरस नहीं है 

तो क्या दोस्तों मोबाइल में भी वायरस आ सकते है क्या आपने कभी सोचा की हम जो एंटीवायरस इस्तेमाल कर रहे है क्या वो सच में वायरस को डिलीट करता है या फिर ऐसे ही दिखा रहा है 
आपको इससे पहले अपने मोबाइल में ये देखना होगा की उसमे कौन सा ऑपरेटिंग है अगर आपके फ़ोन में विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम है तो आपको एंटीवायरस की जरुरत हो सकती है क्योकि विन्डोज़ फ़ोन में वायरस के आने की सम्भावना हो सकती है 

लेकिन अगर आप एक एंड्राइड फ़ोन इस्तेमाल  कर रहे है तो आपको एंटीवायरस की कोई जरुरत नहीं है क्योकि भाई एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम लिनक्स के जरिये बनाया गया है जिमसे वायरस सपोर्ट ही नहीं करता है एंड्राइड कहता है की हम वायरस नाम की किसी चीज़ को नहीं जानते है और एंड्राइड की एक खास बात ये है की पुराने से पुराने हार्डवेयर में रन करता है इसलिए आज कल के फ़ोन में low quality का मटेरियल इस्तेमाल होता है और सस्ते में बिकते है , लेकिन अब आप कहेंगे की भाई अब तो मोबाइल में एंटीवायरस पहले से इनस्टॉल होकर आता है क्या वो कम्पनिया भी पागल है जो एंटीवायरस पहले से इंस्टॉल करके देती  है 
तो भाई वो कम्पनिया अपने मोबाइल में स्कैनर इनस्टॉल करती है जो unknown एप्लीकेशन ,unknown फाइल्स ,chache फाइल्स और tempory फाइल्स डिलीट करने में मदद  करती है न की वायरस डिलीट करने में। 

आपके मोबाइल में spyware एप्लीकेशन आ सकते है जिसके माध्यम से आपके फ़ोन को हैक किया जा सकता है लेकिन आपके फ़ोन में कभी वायरस नहीं आ सकते है तो भाई आपको  सलाह है आप अपने मोबाइल फ़ोन में एंटीवायरस का इस्तेमाल न करे वो एंटीवायरस कम spyware ज्यादा होती है जो आपके फ़ोन से डाटा को चुराती रहती है और हमेसा आपके फ़ोन को स्कैन करती रहती है जिससे आपका फ़ोन भी slow हो जाता है 

तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की मेरा ब्लॉग आपको पसंद आया होगा और इससे जरूर कुछ सीखे होंगे दोस्तों आप अपने दोस्तों के साथ भी इसे जरूर शेयर करियेगा उन्हें भी पता चलेगा की मोबाइल में एंटीवायरस इस्तेमाल करना चाहिए की नहीं ,दोस्तों आप मेरे यूट्यूब चैनल को भी ज्वाइन कर सकते है जिसका नाम future tech research है 
दोस्तों ब्लॉग पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 


Comments

papular post

नेटवर्क क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस कौन कौन सी है ?(हिंदी )

नेटवर्क क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस कौन कौन  सी है ?(हिंदी ) हैल्लो दोस्तों आज हम आपको बताने वाले है की कंप्यूटर नेटवर्क क्या होता है और इसमें इस्तेमाल होने वाली डिवाइस कौन कौन सी है तो दोस्तों चलिए जानते है की कंप्यूटर नेटवर्क के बारे में ।                                   नेटवर्क  क्या होता है ?  हम जिस नेटवर्क की बात करने जा रहे है इसकी शुरुआत 1960  से 1970 के बीच हो गई थी जिसे शुरुआत में अमेरिका में  डिपार्टमेंट ऑफ़ डिफेन्स के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था  जिसका नाम ARPANET रखा गया था जिसका मतलब Advance research project agency network होता है   जब एक कंप्यूटर या एक से अधिक कंप्यूटर किसी माध्यम से आपस में  कनेक्ट होते है  तो ही इसे  ही नेटवर्क कहते है  कंप्यूटर आपस में दो माध्यम के जरिये कनेक्ट होते है  1 . Wire (तार ) 2 . Wireless   (तारहीन )...

what is computer network protocol full details in hindi

हैलो  दोस्तों आज हम आपको बताएँगे की कंप्यूटर नेटवर्किंग में इस्तेमाल होने प्रोटोकॉल के बारे में | यह कितने प्रकार का होता है तथा यह कैसे काम करता है तो आइये जानते है प्रोटोकाल के बारे     कंप्यूटर नेटवर्किंग में प्रोटोकॉल क्या होता है? (हिंदी में ) प्रोटोकॉल नियमो का समूह होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जोड़ने एवं उनके बीच में सूचना के आदान प्रदान के लिए बनाया गया है | प्रोटोकॉल नेटवर्क से जुड़े डिवाइस के बीच में डाटा का स्थान्तरण नियंत्रित करता है, यदि समस्या आती है तब error मेसेज दर्शाता है साथ ही स्थान्तरण की प्रक्रिया के अनुसार डाटा को संभालता है | एक डिवाइस से डाटा कैसे जाना चाहिए तथा दूसरे डिवाइस को डाटा कैसे प्राप्त करना है, यह प्रोटोकॉल निश्चित करता है   "A protocol is a set of rules to govern the data transfer between the devices” इंटरनेट पर सुचारू रूप से कार्य करने के लिये विभिन्न तकनीक की आवश्यकता होती है। इनमे से वेब प्रोटोकाॅल मुख्य भाग है। इंटरनेट को सुचारू व सफल बनाने मे वेब प्रोटोकाॅल का महत्वपू...

Firewall क्या होता है और कंप्यूटर नेटवर्क में इसका इस्तेमाल किसलिए किया जाता है

Firewall क्या होता है और कंप्यूटर नेटवर्क में इसका इस्तेमाल किसलिए किया जाता है  नमस्कार दोस्तों आज हम आपको firewall के बारे में बताएँगे । कि  firewall हमारे कंप्यूटर के लिए क्यों जरुरी है और हम अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में इसका इस्तेमाल क्यों करते है Firewall - Firewall कंप्यूटर को सुरक्षित रखने का एक जरिया है जब हम अपने कंप्यूटर को नेटवर्क से कनेक्ट करते है तो firewall सभी तरह के कंप्यूटर और नेटवर्क को हैकर और malware से बचाकर रखती है firewall हमारे कंप्यूटर को सभी तरह के unknown data को कंप्यूटर में आने से रोकती है जब भी हम कंप्यूटर में अगर कोई सॉफ्टवेयर download करते है और अगर उस सॉफ्टवेयर में वायरस है तो firewall उस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड होने से रोकता है क्योंकी अगर ये सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर में डाउनलोड हो गए  तो हमारे कंप्यूटर की पूरी  detail चुपके से हैकर के पास भेज देती है  जिसने इस सॉफ्टवेयर को बनाया है और साथ धीरे धीरे कम्प्यूटर को slow करने लगते है तथा एक दरवाजा खोल देते है जिससे कई तरह के वायरस ,malware कंप्यूटर में आने लगत...

ROM क्या है और यह कैसे काम करता है?

ROM  क्या  है और  यह कैसे काम करता है? दोस्तों जब भी आप मोबाइल या कंप्यूटर खरीदते है उसमे आप आपको रोम और रैम  देखने को मिलता है ,और आप सोचते होंगे की ये रैम और रोम क्या होता है और इसका क्या इस्तेमाल है दोस्तों मै इस ब्लॉग में आपको रोम के बारे बताने बताने वाला हु की आखिर रोम क्या होता है और हम इसका इस्तेमाल क्यों करते है     ROM क्या  है (What is ROM in Hindi) ROM एक तरह की Memory ही है   Computer में  दो तरह की Memory होते है   Primary   Secondary Primary Memory दो प्रकार  के होते है एक RAM और दूसरा ROM. इसका पूरा नाम है Read Only Memory इसके नाम से ही आपको पता चल रहा होगा की इस Memory को हम बस Read कर सकते है. इसमें fixed Program रहता है ,इस Program को हम आसानी से बदल नहीं सकते, जैसे इसका सही जवाब है जब आप Computer को खरीदते हो  उसमे में BIOS program पहले से ही रहता है. ये System को on करने में  मदद करता है और इसके साथ ये BIOS Computer और Operating System को Link करता ...

complete medieval history in hindi with pdf

        सम्पूर्ण मध्यकालीन भारत (712-1707 )                                               भारत पर प्रथम  मुस्लिम (अरब)आक्रमण मोहम्मद बिन कासिम (712-714) धार्मिक ग्रन्थ            कुरान क़ानूनी ग्रन्थ          सरियत शिक्षायें।             हदीस अंतिम खलीफा        तुर्की कमाल पासा  अरब के खलीफा अल्हज़ाज़ का दामाद मोहम्मद बिन कासिम 712 ईo मे सिंध पर आक्रमण किया  सिंध का शासक दाहिर था तथा इसकी राजधानी अरोर थी  मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर सर्वप्रथम जजिया कर लगाया जो गैर मुसलमानों से लिया जाता है तथा विकलांग ,विधवा ,व ब्राह्मण से नहीं लिया जाता था  इसने भारत में स्वर्ण सिक्के चलवाए जिन्हे दिरहम सिक्के कहते है   किताब  चरकसंहिता, पंचतंत्र (कलिलवा...

what is computer virus in hindi

               दोस्तों आपने वायरस का नाम तो सुना  ही होगा ,3 इडियट्स वाला वायरस नहीं ,मै बात कर रहा हु उस वायरस की जो हमारे कंप्यूटर या फिर लैपटॉप में आकर कंप्यूटर को नुकशान पहुंचाते है जिस तरह मनुष्य को वायरस बीमार कर देता है ठीक उसी तरह कंप्यूटर को भी वायरस बीमार कर देता है लेकिन ये वायरस कही से उड़ के नहीं आते है इसे प्रोग्रामर अपने फायदे के  लिए बनाते है और आपके कंप्यूटर में बिना आपकी अनुमति के डाल दिया जाता है और ये अपना काम करना शुरू कर देते है यदि आप कंप्यूटर या लैपटॉप से हमेसा चिपके रहते है तो वायरस के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरुरी है नहीं तो ये आपको ऐसा बीमार कर देना की आप जिंदगी भर ठीक नहीं हो पाएंगे   इसीलिए इसके बारे में जानने  में ही आपकी भलाई है वायरस क्या है वायरस का  फुल फॉर्म Vital Information Resources Under Siege होता है  वायरस कंप्यूटर में एक  द्वेषपूर्ण प्रोग्राम होता  है जो हमारे कंप्यूटर या लैपटॉप में बिना अनुमति के आकर अपने आपको maulti...

computer generation full detail hindi

                                                     GENERATION OF COMPUTER  मनुष्य द्वारा कंप्यूटर को आसान बनाने के लिए  समय समय पर बदलाव किये , कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में बदलाव करके इसे और आसान बनाने की  कवायद अभी भी वैज्ञानिक द्वारा जारी है, वैज्ञानिक रोज तरह तरह  के खोज करते रहते  है जिससे की कंप्यूटर को कम कीमत में और भी अच्छा बनाया जाय जब से  कंप्यूटर की उत्पति हुई है कंप्यूटर में  बदलाव किये जा चुके है तो आइये कंप्यूटर के इन्ही बदलाव  बारे   जानते है , कंप्यूटर के इन बदलाव को GENERATION में DIVIDE किया गया है   हम इन्ही GENERATION के बारे में  DETAIL में पढ़ते  है  1822 में चार्ल्स  बेबेज ने  सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर बनाया चार्ल्स बैवेज को डिजिटल कंप्यूटर में बहुत बड़ा योगदान  रहा है बैवेज का ANALITICAL ENGINE कंप्य...